Who is IIT Baba? : IITAN Baba Biography- अभय सिंह का जीवन का एक अनोखा सफर

Who is IIT Baba: इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का मेला चल रहा है इस दौरान एक नाम हम सब के सामने आया है जो सबका ध्यान अपनी और केंद्रित कर रहा है, और वह नाम – IITian बाबा उर्फ़ अभय सिंह है। अभय सिंह एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री प्राप्त करके कनाडा में काम करते हुए, करोड़ों की नौकरी को छोड़कर संन्यास ले चुके है अभय सिंह इस समय महाकुंभ में एक साधारण साधु जीवन जी रहे है और सबके सामने अपने आप का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

Who is IIT Baba? :अभय सिंह का जीवन परिचय

उनके द्वारा लिया गया यह निर्णय बहुत चौकाने वाला था, बल्कि यह सोच उनके जीवन के वास्तविक उद्देश्य की तलाश की भावना को प्रकट कर रहा है लोग उनके इस भावना का तह दिल से सम्मान कर रहे है। आज के इस इनफार्मेशन में हम आपके सामने जो भी जानकारी प्रस्तुत करने वाले है उसमे अभय सिंह की पूरी जीवनी मौजूद है तो हमारे साथ बने रहे।

IIT Baba Abhay Singh

Who is IIT Baba? :अभय सिंह का जीवन का एक अनोखा सफर

Who is IIT Baba? : अभय सिंह एक बहुत नेक दिल के इंसान है जिनका जन्म हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के छोटे से गांव “सासरौली” में हुआ था। वे अपने परिवार में बड़ी बहन के बाद घर के इकलौते बेटे हैं, और उनकी बहन कनाडा में पूरी तरह से अपने पति के साथ बस चुकी हैं।

अभय सिंह शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में अव्‍वल रहने के साथ खूब मौज मस्ती किया करते थे और हमेशा से ही नई-नई जगहों पर घूमने व फोटोग्राफी का खूब शौक रखते थे और वह अपनी स्‍कूली शिक्षा करने के दौरान ही अभय सिंह ने डी.एच.लारेंस स्‍कूल में टॉप किया और फिर वर्ष 2008 में मुंबई के प्रतिष्ठित केंद्र (IIT Bombay) में एयरोस्पेस की पढाई में इंजीनियरिंग में दाखिला लिया।

इन्हे भी पढ़े: सपना चौधरी डांसर बायोग्राफी इन हिंदी देखें

उनका बचपन से लेकर (IIT Bombay) एडमिशन तक का यात्रा इतना आसान नहीं था। अभय सिंह ने बॉम्बे के IIT से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की, और पढाई के साथ ही दर्शनशास्‍त्र ज्ञान का भी गहरा अध्‍ययन करना सीखा। अभय के जिंदगी में यही वह समय था जब उन्‍होंने अपने जीवन को अच्छा बनाने के लिए शाश्‍वत उद्देश्‍य की खोज करना शुरू किया।

अब अभय सिंह के जीवन में एक अजीब मोड़ आ चूका जब उन्‍होंने अपनी चमकदार तकनीकी दुनिया से संन्यास लेकर आध्यात्मिक जीवन की ओर अपने रुख को मोड़ लिया है जहा पर अनेक प्रकार के साधु संत से मिलकर तरह- तरह की जानकारी इकट्ठा कर रहे है और वह भगवान् शिव के भक्ति में पूरी तरह से मोहित हो चुके है।

IIT Baba Abhay Singh

अभय सिंह के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्‍होंने अपने एक वीडियो पोस्‍ट में कहा, की “मां-बाप भगवान नहीं हैं, भगवान खुद ही भगवान है।” उन्‍होंने यह स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि अगर हम ईश्‍वर के बारे में बात करें तो हमें उसकी असल महिमा को समझना चाहिए और सही जानकारी प्राप्त करना चाहिए , न कि केवल उसे एक रूप में संकुचित करना चाहिए। “जिसे हम सब ईश्‍वर कहते हैं, वही सबसे बड़ा भगवान् और सत्य है, और यह सबके जीवन का सबसे गहरे सच्‍चाई की भली बात है।

इन्हे भी अच्छे से पढ़े: कुम्भ का मेला कहा पर लगता है और कब कब देखें जरूर

अभय सिंह के इन विचारों में ऐसा लगता है की उन्हें अच्छी समझ है, जो इस समय के भौतिकवादी समाज में खोए हुए उद्देश्यों और आस्थाओं को न केवल दर्शाती है बल्कि दिखाती भी है, और उसे देखने का एक नया दृष्टिकोण देती है। बाबा जी मानते हैं कि जीवन के हर पहलू को हम एक यंत्र के तरह देख सकते है, जिसमें हमारी आँखें उस यंत्र का एक बेहतरीन हिस्सा हैं जो ऊर्जा और शक्ति को देखने का माध्यम बनती हैं।

IIT Baba Abhay Singh

IIT Baba Abhay Singh Story : प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में अभय सिंह की उपस्थिति न केवल उनके अच्छे व्यक्तिगत जीवन के बदलाव को दर्शाती है, और जो समाज के लिए एक शक्तिशाली ज्ञान इंसानो के लिए प्रेरित का श्रोत है। उनकी यह यात्रा बात बताती है कि, मन के आंतरिक शांति के लिए सभी को अच्छे संतुलन को बनाये रखने के लिए अपने अंदर झांकने की आवश्यकता है। यह बात हमें यह सिखाता है कि सफलता का मतलब केवल बाहरी उपलब्धियाँ नहीं है, बल्कि आत्मिक संतोष और शांति भी है।

अभय सिंह का जीवन सभी के लिए यह साबित होता है कि किसी भी कार्य में गहरी सोच, प्रतिबद्धता और सच्ची आस्था हो तो हम अपनी आत्मा को सबसे बड़ी सफलता की और केंद्रित कर सकते हैं। महाकुंभ में उनका साधु संत के तरह यह जीवन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अभी यंग युवा है, और हम सभी को अपने जीवन के उद्देश्य को फिर से परिभाषित करने के लिए मजबूर करेगा है। अभय सिंह अभी तक इंस्टाग्राम पर लाखो लोगों से जुड़ चुके है और सोशल मीडिया पोर्टल पर खूब एक्टिव भी रहते है।

Leave a Comment